UP Forth Class Govt Employees Pramotion News : हर सरकारी कर्मचारी की एक ख्वाहिश होती है कि उसकी मेहनत को पहचान मिले और समय पर प्रमोशन भी मिले। खासतौर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की जिम्मेदारियां भले ही कम नजर आती हों, लेकिन उनकी भूमिका हर सरकारी विभाग में बेहद अहम होती है। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इन कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है।
डॉ आशीष गोयल, जो उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष हैं, उन्होंने यह ऐलान किया है कि राज्य के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनकी क्षमता और दक्षता के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी। ये खबर सुनते ही लाखों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है क्योंकि अब तक ऐसे कई कर्मचारी सालों से एक ही पद पर अटके हुए थे।
कर्मचारियों की मेहनत को मिलेगा इनाम
पावर कॉरपोरेशन में काम कर रहे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अब तीसरे श्रेणी के पदों पर पदोन्नति दी जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों को पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वो नई जिम्मेदारियों के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकें। डॉ गोयल ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस प्रमोशन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा है कि हर स्तर पर कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट समय पर तैयार की जाए ताकि समय पर पदोन्नति का रास्ता साफ हो सके। इसके अलावा संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों की उपस्थिति अब पूरी तरह से बायोमेट्रिक सिस्टम के माध्यम से मॉनिटर की जाएगी और वेतन भी उसी के अनुसार बनेगा।
प्रमोशन से जुड़े सभी पहलुओं की निगरानी
कार्मिकों की पदोन्नति केवल वरिष्ठता के आधार पर नहीं बल्कि उनकी कुशलता और कार्य के प्रति जिम्मेदारी को देखते हुए दी जाएगी। इसके लिए एक चयन प्रक्रिया तय की जाएगी जिसमें सभी पहलुओं की सही तरीके से जांच की जाएगी।
इस निर्णय से ना केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि विभागीय कार्यों में भी तेजी और पारदर्शिता आएगी। साथ ही यह बदलाव उन कर्मचारियों के लिए एक प्रेरणा बनेगा जो वर्षों से मेहनत कर रहे हैं लेकिन अब तक आगे बढ़ने का मौका नहीं मिला था।
संविदा कर्मियों को मिलेगा समय पर वेतन
डॉ गोयल ने यह भी निर्देश दिया है कि संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को हर महीने समय पर वेतन दिया जाए। इसके लिए सभी कर्मचारियों की उपस्थिति की निगरानी बायोमेट्रिक सिस्टम से की जाएगी और उसी के आधार पर वेतन का निर्धारण होगा।
इस पूरे निर्णय से साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार अब कर्मचारियों की भलाई और कार्यक्षमता को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है। इस कदम से न सिर्फ कर्मचारियों का जीवन सुधरेगा बल्कि सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।